अंबेडकरनगर जिले के टांडा कोतवाली क्षेत्र में जमीन विवाद से जुड़ा एक मामला सामने आने के बाद इलाके में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो को लेकर बुजुर्ग व्यक्ति के साथ कथित बदसलूकी और दबंगई के आरोप लगाए जा रहे हैं। मामले के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में नाराजगी देखी जा रही है, वहीं पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
- दिनदहाड़े जमीन पर पहुंचे कई लोग, बाउंड्रीवाल तोड़ने का आरोप
- बुजुर्ग से कथित रूप से पैर पकड़वाकर माफी मंगवाने का दावा
- धमकी देने का भी लगाया आरोप
- एसडीएम कार्यालय के बाहर दबाव बनाने का आरोप
- जमीन के दस्तावेज अपने नाम होने का दावा
- पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, जांच जारी
- वीडियो वायरल होने के बाद बढ़ा मामला
- पुलिस जांच पर टिकी निगाहें
दिनदहाड़े जमीन पर पहुंचे कई लोग, बाउंड्रीवाल तोड़ने का आरोप
मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना टांडा कोतवाली क्षेत्र के सकरावल मोहल्ले की बताई जा रही है। पीड़ित बुजुर्ग मसूद आलम का आरोप है कि 20 दिसंबर को दोपहर करीब 12 बजे कुछ लोग उनके बैनामे की जमीन पर पहुंचे। आरोप है कि इन लोगों ने गमछे से अपना मुंह ढंक रखा था और उनके हाथों में हथौड़ा, छेनी और बेलचा जैसे औजार थे।
पीड़ित का कहना है कि इन औजारों की मदद से उनकी जमीन पर बनी बाउंड्रीवाल को तोड़ दिया गया। इस पूरी घटना का वीडियो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद मामला सुर्खियों में आ गया।
बुजुर्ग से कथित रूप से पैर पकड़वाकर माफी मंगवाने का दावा
पीड़ित बुजुर्ग ने आरोप लगाया है कि घटना के दौरान उन्हें गालियां दी गईं और कथित तौर पर दबाव बनाकर उनसे पैर पकड़वाकर माफी मंगवाई गई। हालांकि पुलिस का कहना है कि वायरल वीडियो और आरोपों की सत्यता की जांच की जा रही है।
वीडियो सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में रोष देखा गया और कई लोगों ने कार्रवाई की मांग की है।
धमकी देने का भी लगाया आरोप
मसूद आलम का यह भी कहना है कि घटना के बाद उन्हें धमकाया गया। आरोप है कि जाते समय कहा गया कि यदि उन्होंने जमीन पर दोबारा आने की कोशिश की या कानूनी कार्रवाई की, तो जान से मार दिया जाएगा।
पीड़ित का दावा है कि वह इस घटना से काफी भयभीत हो गए और बाद में उन्होंने प्रशासन से शिकायत की।
एसडीएम कार्यालय के बाहर दबाव बनाने का आरोप
पीड़ित के अनुसार, जब वह शिकायत दर्ज कराने के लिए एसडीएम टांडा के पास पहुंचे और वहां से बाहर निकले, तो आरोपियों में शामिल बताए जा रहे राहुल चौधरी ने उन्हें रोक लिया।
आरोप है कि उनसे जमीन का एग्रीमेंट अपने नाम कराने का दबाव बनाया गया और ऐसा न करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई। पीड़ित का कहना है कि किसी तरह वह वहां से जान बचाकर निकल पाए।
जमीन के दस्तावेज अपने नाम होने का दावा
पीड़ित बुजुर्ग का कहना है कि विवादित जमीन उन्होंने 8 दिसंबर 2011 को कफील अहमद, वसीउद्दीन और इमरान हसन से खरीदी थी। उनका दावा है कि जमीन की दाखिल-खारिज भी उनके नाम पर दर्ज है और वे वर्षों से उक्त भूमि के वैध मालिक हैं।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, जांच जारी
पीड़ित की तहरीर के आधार पर टांडा कोतवाली पुलिस ने 4 नामजद आरोपियों और 20–25 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है।
पुलिस के अनुसार, वायरल वीडियो, जमीन से जुड़े दस्तावेजों और दोनों पक्षों के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कदम उठाए जाएंगे।
वीडियो वायरल होने के बाद बढ़ा मामला
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला और गंभीर हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जमीन विवाद को लेकर इस तरह की घटनाएं कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि बुजुर्ग को सुरक्षा दी जाए और मामले में त्वरित कार्रवाई की जाए।
पुलिस जांच पर टिकी निगाहें
फिलहाल पूरा मामला पुलिस जांच के अधीन है। पुलिस का कहना है कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी तथ्यों की गहराई से जांच की जाएगी। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि आरोप कितने सही हैं और किस स्तर पर कानून का उल्लंघन हुआ है।
यह समाचार पीड़ित की तहरीर, वायरल वीडियो और पुलिस द्वारा दी गई प्रारंभिक जानकारी पर आधारित है। मामले की जांच जारी है।
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