अंबेडकरनगर जनपद के गन्ना उत्पादक किसानों के लिए कृषि विभाग ने एक अहम पहल की है। अंबेडकरनगर गन्ना किसान योजना के तहत बसंतकालीन गन्ना किसानों को जायद-2026 सत्र में गन्ने के साथ अंतःफसली खेती के लिए उड़द और मूंग का बीज पूरी तरह निःशुल्क दिया जाएगा। यह बीज मिनीकिट के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य होगा।
कृषि विभाग का मानना है कि गन्ने के साथ दलहनी फसलों की खेती से किसानों की अतिरिक्त आय बढ़ेगी और खेत की उर्वरता भी बनी रहेगी। इससे मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा स्वाभाविक रूप से बढ़ती है, जिसका लाभ अगली फसल को भी मिलता है।
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया
उप कृषि निदेशक अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि इस योजना का लाभ वही किसान उठा सकेंगे, जो पहले से कृषि विभाग में पंजीकृत हैं। इच्छुक किसान कृषि दर्शन-2 पोर्टल पर
👉 https://agridarshan.up.gov.in
के माध्यम से 20 दिसंबर से 20 जनवरी 2026 तक ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं।
एक हेक्टेयर तक ही मिलेगा लाभ
कृषि विभाग के अनुसार प्रत्येक किसान अधिकतम एक हेक्टेयर क्षेत्रफल के लिए ही आवेदन कर सकेगा। प्राप्त आवेदनों में से पात्र किसानों का चयन ऑनलाइन लॉटरी प्रणाली के जरिए किया जाएगा, ताकि योजना का लाभ पारदर्शी तरीके से जरूरतमंद किसानों तक पहुंच सके।
कहां से मिलेगा बीज
लॉटरी में चयनित किसानों को उनके विकास खंड स्तर पर स्थित राजकीय कृषि बीज भंडार से उड़द और मूंग का बीज वितरित किया जाएगा। किसानों को बीज लेते समय पहचान और आवेदन से संबंधित दस्तावेज साथ रखना होगा।
किसानों के लिए क्यों जरूरी है यह योजना
विशेषज्ञों का कहना है कि अंबेडकरनगर गन्ना किसान योजना जैसी अंतःफसली खेती योजनाएं किसानों के लिए बेहद लाभकारी हैं। इससे—
- गन्ने के साथ अतिरिक्त फसल से आमदनी बढ़ती है
- मिट्टी की सेहत सुधरती है
- उर्वरक पर खर्च कम होता है
- जोखिम कम और लाभ ज्यादा मिलता है
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे समय रहते आवेदन करें और योजना का अधिकतम लाभ उठाएं। विभाग का कहना है कि यह पहल गन्ना किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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