अंबेडकरनगर जिले की राजनीति में जलालपुर विधानसभा क्षेत्र एक बार फिर चर्चा के केंद्र में आ गया है। लंबे समय से चल रही दल-बदल और अंदरूनी हलचलों की चर्चाओं के बीच पूर्व विधायक सुभाष राय का एक विस्तृत बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने न सिर्फ अपने राजनीतिक सफर को खुलकर रखा, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी की तैयारियों का भी दावा किया।
सुभाष राय ने साफ शब्दों में कहा कि समाजवादी पार्टी में किसी भी विधायक या बड़े नेता के दल छोड़ने की खबरें महज अफवाह हैं। उनका कहना है कि ये बातें विपक्ष द्वारा जानबूझकर फैलाई जाती हैं ताकि पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर किया जा सके। उन्होंने दावा किया कि अंबेडकरनगर में समाजवादी पार्टी का संगठन बूथ स्तर से लेकर जिला स्तर तक पूरी तरह एकजुट है।
“बीजेपी में रहते हुए भी मन नहीं लगा”
अपने राजनीतिक जीवन के उस दौर को याद करते हुए जब वे भारतीय जनता पार्टी में थे, सुभाष राय ने कहा कि वैचारिक तौर पर वे वहां खुद को सहज महसूस नहीं कर पाए। उन्होंने बताया कि सत्ता में रहने के बावजूद उन्हें अंदर से घुटन महसूस होती थी।
उनका दावा है,
“मैं बीजेपी में था, लेकिन मेरी आत्मा समाजवादी पार्टी के साथ थी। यही वजह है कि मैं वहां टिक नहीं पाया।”
उनका दावा है कि बीजेपी में रहते हुए भी बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी के लोग उनके पास मदद के लिए आते थे और वे सभी की सहायता करते रहे। यही कारण था कि बीजेपी के कुछ लोग उनसे नाराज़ भी रहते थे।
जलालपुर की समस्याएं सदन में उठाईं
पूर्व विधायक ने अपने कार्यकाल का जिक्र करते हुए बताया कि जलालपुर क्षेत्र की बुनियादी समस्याओं को उन्होंने कई बार विधानसभा में उठाया। जाम की समस्या, बस स्टैंड की अव्यवस्था, पुल निर्माण, रोडवेज, स्टेडियम और महिला महाविद्यालय जैसे मुद्दे उनके प्रमुख एजेंडे में रहे।
उनका दावा है कि विपक्ष में रहने के कारण कई योजनाएं जमीन पर नहीं उतर सकीं, बावजूद इसके विधायक निधि और मुख्यमंत्री कोष के माध्यम से उन्होंने गांव-गांव जाकर विकास कार्य कराने की कोशिश की।
कोरोना काल में मदद का दावा
सुभाष राय ने कोरोना महामारी के दौरान किए गए कार्यों का भी उल्लेख किया। उनका कहना है कि उस कठिन दौर में उन्होंने कैंसर, किडनी, हार्ट जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे सैकड़ों लोगों की आर्थिक मदद करवाई। कई मामलों में आवेदन देने के 10–15 दिन के भीतर ही सहायता राशि पीड़ितों के खातों में भेजी गई।
दल बदलने का पछतावा, लेकिन फैसला परिस्थितियों का नतीजा
दल बदलने के फैसले पर उन्होंने माना कि कहीं न कहीं मन में टीस जरूर रह जाती है। उनका दावा है कि टिकट कटने और लगातार नजरअंदाज किए जाने से वे आहत थे। हालांकि, उनका दावा है कि समाजवादी पार्टी नेतृत्व से दोबारा संवाद के बाद उन्होंने अपनी बात खुलकर रखी और फिर पार्टी में वापसी का फैसला किया।
उनका दावा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी एक बार फिर पूरी मजबूती से मैदान में है।
2027 की तैयारी शुरू
पूर्व विधायक का दावा है कि एसआईआर (Special Intensive Revision) प्रक्रिया के बाद समाजवादी पार्टी ने संगठनात्मक स्तर पर तैयारी तेज कर दी है। उनका दावा है कि कार्यकर्ता बूथ स्तर पर लगातार काम कर रहे हैं और वोटरों को जोड़ने का अभियान चलाया गया है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ इलाकों में वोट कटने को लेकर अफवाहें फैलाई गईं, लेकिन अगर निष्पक्षता से काम हुआ है तो 2027 में समाजवादी पार्टी को रोक पाना मुश्किल होगा।
“टिकट मिलेगा तो लड़ूंगा चुनाव”
2027 में चुनाव लड़ने के सवाल पर सुभाष राय ने स्पष्ट कहा कि अगर पार्टी उन्हें योग्य समझेगी तो वे टिकट जरूर मांगेंगे। उनका दावा है कि वे पिछले अनुभव से सीख लेकर अब पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरना चाहते हैं।
अंबेडकरनगर की राजनीति फिर करवट ले रही है
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जलालपुर विधानसभा क्षेत्र की गतिविधियां आने वाले समय में पूरे जिले की सियासत को दिशा दे सकती हैं। पूर्व विधायक के इस बयान से साफ है कि 2027 को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां अभी से तेज हो चुकी हैं।
अब देखना यह होगा कि बदलते राजनीतिक समीकरणों के बीच जनता किस पर भरोसा जताती है और अंबेडकरनगर की राजनीति किस ओर करवट लेती है।
अंबेडकरनगर में बिजली बिल राहत योजना की रफ्तार धीमी, एक माह में सिर्फ 32 करोड़ की वसूली
अंबेडकरनगर में वोटर लिस्ट से 2.58 लाख नाम कटेंगे, SIR के बाद 16.12 लाख मतदाता होंगे दर्ज
अम्बेडकरनगर: गौरा गूजर में सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल, ग्रामीणों ने जताई नाराजगी
