अंबेडकरनगर जिले में मतदाता सूची को लेकर एक बड़ी और महत्वपूर्ण कार्रवाई सामने आई है। विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR) के बाद जिले की वोटर लिस्ट से 2 लाख 58 हजार 562 मतदाताओं के नाम हटाने का फैसला लिया गया है। इस संशोधन के बाद जिले में अब कुल 16 लाख 12 हजार 214 मतदाता पंजीकृत रहेंगे।
- क्या है SIR अभियान
- पहले कितने थे मतदाता
- किन कारणों से हटाए गए नाम
- विधानसभा-वार स्थिति
- नोटिस भी किए गए जारी
- क्यों जरूरी है यह प्रक्रिया
- प्रशासन का क्या कहना है
- आम मतदाताओं के लिए संदेश
- अगर आपका नाम वोटर लिस्ट से कट गया है तो क्या करें?
- 🔹 1. BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) से संपर्क करें
- 🔹 2. जरूरी दस्तावेज तैयार रखें
- 🔹 3. Form भरवाएं
- 🔹 4. ऑनलाइन भी कर सकते हैं आवेदन
- 🔹 5. नोटिस पाने वाले मतदाता क्या करें?
- निष्कर्ष
क्या है SIR अभियान
विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान का उद्देश्य मतदाता सूची को पूरी तरह शुद्ध, पारदर्शी और अद्यतन बनाना है। इस अभियान के तहत प्रत्येक मतदाता के रिकॉर्ड का सत्यापन किया गया, जिसमें मृत, अनुपस्थित, स्थायी रूप से पलायन कर चुके और डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान की गई।
पहले कितने थे मतदाता
निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, संशोधन से पहले अंबेडकरनगर जिले में कुल 18 लाख 70 हजार 776 मतदाता पंजीकृत थे। गणना प्रपत्र भरने की अंतिम तिथि के बाद जब सत्यापन प्रक्रिया पूरी हुई, तब यह स्पष्ट हुआ कि बड़ी संख्या में नाम ऐसे हैं जो अब सूची में रहने योग्य नहीं हैं।
किन कारणों से हटाए गए नाम
हटाए जाने वाले मतदाताओं में—
- 44,524 मृतक मतदाता
- 46,266 अनुपस्थित मतदाता
- 1,41,890 स्थायी रूप से पलायन कर चुके मतदाता
- 19,339 डुप्लीकेट मतदाता
- 6,543 अन्य श्रेणी के मतदाता
शामिल हैं। इन आंकड़ों से साफ है कि जिले में मतदाता सूची को अपडेट करने की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी।
विधानसभा-वार स्थिति
यदि विधानसभा क्षेत्रों के अनुसार देखें तो सबसे अधिक नाम जलालपुर विधानसभा से हटाए जाएंगे, जहां 55,245 मतदाता सूची से बाहर होंगे।
अन्य विधानसभा क्षेत्रों की स्थिति इस प्रकार है—
- कटेहरी: 53,992
- टांडा: 49,298
- आलापुर: 48,277
- अकबरपुर: 51,750
नोटिस भी किए गए जारी
निर्वाचन कार्यालय ने बताया कि पहचान और दस्तावेजों के सत्यापन के लिए 56,185 मतदाताओं को नोटिस जारी किया गया है। इन मतदाताओं से आवश्यक दस्तावेज प्राप्त किए जाएंगे, जिसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा कि उनका नाम सूची में रहेगा या नहीं।
क्यों जरूरी है यह प्रक्रिया
चुनाव विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मतदाता सूची में मृत या फर्जी नाम बने रहते हैं, तो इससे चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो सकते हैं। इसी कारण निर्वाचन आयोग समय-समय पर इस तरह के गहन अभियान चलाता है।
प्रशासन का क्या कहना है
निर्वाचन कार्यालय का स्पष्ट कहना है कि इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य किसी को वंचित करना नहीं, बल्कि सटीक और भरोसेमंद मतदाता सूची तैयार करना है, ताकि आगामी चुनाव पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ कराए जा सकें।
आम मतदाताओं के लिए संदेश
जिन मतदाताओं को नोटिस मिला है, उन्हें तय समय के भीतर आवश्यक दस्तावेज जमा करने की सलाह दी गई है, ताकि उनका नाम अंतिम सूची में बना रह सके।
अगर आपका नाम वोटर लिस्ट से कट गया है तो क्या करें?
अगर किसी मतदाता का नाम मतदाता सूची से हट गया है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। चुनाव आयोग ने इसके लिए पूरी प्रक्रिया तय की है।
🔹 1. BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) से संपर्क करें
- अपने क्षेत्र के BLO से मिलें
- उनसे नाम कटने का कारण पूछें
🔹 2. जरूरी दस्तावेज तैयार रखें
इनमें से कोई भी:
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- मृत्यु प्रमाण (यदि परिवार में किसी का नाम गलत कटा हो)
🔹 3. Form भरवाएं
- Form-6 → नाम जोड़ने के लिए
- Form-7 → गलत तरीके से नाम हटाने पर आपत्ति
- Form-8 → नाम/पता सुधार
🔹 4. ऑनलाइन भी कर सकते हैं आवेदन
मतदाता ऑनलाइन वेबसाइट या वोटर हेल्पलाइन ऐप के जरिए भी आवेदन कर सकते हैं।
🔹 5. नोटिस पाने वाले मतदाता क्या करें?
जिन 56,185 मतदाताओं को नोटिस मिला है,
वे तय समय सीमा में दस्तावेज जमा करें,
ताकि नाम अंतिम सूची में शामिल हो सके।
👉 समय पर आवेदन करने पर नाम दोबारा जोड़ा जा सकता है।
📌 यह जानकारी आम नागरिकों की सुविधा के लिए है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, अंबेडकरनगर में मतदाता सूची का यह संशोधन चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। SIR अभियान के बाद जारी होने वाली नई सूची से चुनाव में पारदर्शिता बढ़ेगी और वास्तविक मतदाताओं को ही मतदान का अधिकार सुनिश्चित होगा।
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