जलालपुर (अंबेडकर नगर)।
नगर क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में नवजात बच्ची की मौत के बाद मामला जनचर्चा का विषय बन गया है। घटना के बाद परिजनों के आरोपों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुकुल बाजार क्षेत्र के ग्राम सेहरा मौव निवासी वीरेंद्र अपनी पत्नी संगीता को प्रसव के लिए पहले जलालपुर ब्लॉक के अशरफपुर मज्मुआ स्थित स्वास्थ्य केंद्र ले गए थे। प्राथमिक जांच के बाद उन्हें जलालपुर नगर क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां ऑपरेशन के माध्यम से एक स्वस्थ बच्ची का जन्म हुआ।
परिजनों के मुताबिक, देर रात लगभग 11 बजे नवजात की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। कुछ देर बाद बच्ची के शरीर में कोई हरकत नहीं दिखी, जिस पर परिजनों ने अस्पताल स्टाफ को सूचना दी। जांच के बाद चिकित्सकों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया और अस्पताल परिसर में काफी देर तक हंगामा चलता रहा।
इस मामले में परिजनों का आरोप है कि समय रहते स्टाफ ने ध्यान नहीं दिया। आरोपों से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें परिजन इलाज में लापरवाही का दावा कर रहे हैं। वीडियो में परिजनों ने बताया कि बच्ची को दूध पिलाने के बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी थी और बार-बार बुलाने के बावजूद समय पर चिकित्सकीय सहायता नहीं मिली।
वहीं, जिस अस्पताल में यह घटना हुई, उसकी संचालक डॉ. पुष्पा वर्मा का कहना है कि प्रसव पूरी तरह सामान्य था। उनके अनुसार नवजात बच्ची दूध पीने के बाद सो गई थी, लेकिन दोबारा नहीं जागी। उन्होंने बताया कि कई बार दूध श्वासनली में चले जाने से सांस रुकने की स्थिति बन जाती है, जिससे नवजात की मृत्यु हो सकती है। उनका कहना है कि इस मामले में परिजनों की ओर से कोई औपचारिक आपत्ति दर्ज नहीं कराई गई है।
इस पूरे मामले पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जलालपुर के अधीक्षक डॉ. जयप्रकाश ने बताया कि मामला संज्ञान में लिया गया है। जांच के लिए एक टीम का गठन कर दिया गया है और जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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