अंबेडकरनगर/बस्ती।
अंबेडकरनगर और बस्ती जनपद को जोड़ने वाला कलवारी पुल इन दिनों मरम्मत कार्य को लेकर सुर्खियों में है। पुलt पर 12 सितंबर से मरम्मत का काम चल रहा है, लेकिन करीब 40 दिन बीत जाने के बाद भी कार्य की रफ्तार बेहद धीमी बताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार, पुल की मरम्मत पूरी करने के लिए पांच महीने की समय सीमा तय की गई थी। हालांकि, मौजूदा प्रगति को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि कार्य समय पर पूरा हो पाएगा या नहीं।
मरम्मत के दौरान दो पहिया वाहनों का आवागमन जारी है, जबकि चार पहिया और भारी वाहनों का संचालन पूरी तरह रोक दिया गया है। इन वाहनों को बिधर घाट पुल होते हुए संत कबीरनगर या आयोध्या के नया घाट पुल के रास्ते से डायवर्ट किया गया है।
पुल पर लाइटें लग चुकी हैं, जिससे मरम्मत पूरी होने के बाद लोगों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी। लेकिन फिलहाल, कार्य की सुस्ती लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पुल न केवल अंबेडकरनगर और बस्ती को जोड़ता है, बल्कि संत कबीरनगर, आयोध्या और सिद्धार्थनगर जैसे कई जनपदों को भी जोड़ता है। ऐसे में इसकी मरम्मत में देरी से हजारों लोगों के दैनिक आवागमन पर असर पड़ रहा है।
फिलहाल बाइक सवारों के लिए पुल से आना-जाना संभव है, लेकिन चार पहिया वाहन चालकों को लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है। स्थानीय नागरिकों और यात्रियों को उम्मीद है कि मरम्मत कार्य जल्द पूरा हो, ताकि नए साल तक पुल सभी वाहनों के लिए खोल दिया जाए।
अब देखना यह होगा कि कार्यदायी संस्था तय समय सीमा के भीतर मरम्मत पूरी कर पाती है या नहीं। यदि कार्य समय पर पूरा हो गया, तो यह पुल एक बार फिर से अंबेडकरनगर, बस्ती और आसपास के जिलों के लोगों के लिए सुगम आवागमन का मुख्य मार्ग बन जाएगा।
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